Ayurvedic medicine ("Ayurveda" for short) is one of the world's oldest holistic ("whole-body") healing systems. It was developed more than 3,000 years ago in India.

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  Fri 03-May-2024
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PCOD

स्त्री को स्त्रीत्व, मातृत्व प्रदान करनेवाला स्त्री शरीर का महत्वपूर्ण अंग, यानि प्रजनन संस्था! अब स्त्री शरीर जब अलग है, तो उसके रोग भी अलग है....इसीलिए हमे स्त्रीरोग विशेषज्ञों की जरूरत पड़ती है। आज की तारीख का स्त्रियॉं का ज्वलंत प्रश्न है......पीसीओडी! polycystic ovarian disorder....

क्या है ये PCOD? क्या लक्षण है? क्या चिकित्सा है? इसी बारे आज मै चर्चा कर रही हूँ। PCOD मे प्रजनन संस्था का एक अंग अंडाशय(Ovary) पर पनि की गाँठे(Cysts) बनते है, इसीलिए इस व्याधि को polycystic ovarian disorder कहा जाता है। इस व्याधि का महत्वपूर्ण कारण है, स्त्री शरीर मे androgens मतलब पुरुष हार्मोन्स की मात्र अधिक होना है। जिस कारण उसके स्वतः के प्रजनन संस्था संबन्धित हार्मोन्स मे अनियमितता आती हे, और अंडाशय पर सिस्ट बनते है। ये सिस्ट के कारण हार्मोन्स की अनियमितता बढ़ती जाती है, और साथ मे सिस्ट भी..........यह विषचक्र ऐसेही चलता रहता है।

पीसीओडी होने के मुख्य कारणो मे शरीर को ज्यादा आराम देना, मतलब की शारीरिक कष्टों की कमी, जंक फूड का सेवन, मानसिक तनाव, पकेज्ड फूड का सेवन इनका समावेश होता है। पीसीओडी की पारिवारिक हिस्टरी हो, तो भी आपको पीसीओडी होने की संभावना बढ़ जाती है। मासिक की अनियमितता, वजन बढ़ना, चेहरे पर बल आना(Hirsutism), बालों का पतला होना, स्किन टग्स ये सब पीसीओडी के लक्षण है।

गर्भ ना रहना (इन्फेर्टिलिटी – वंध्यत्व) का यह एक सबसे महत्वपूर्ण कारण है। हर दस मे से एक महिला मे यह व्याधि पाया जाता है। पीसीओडी ना हो और हमारे हार्मोन्स सुचारु रूप से कम करते रहे इसके लिए हमे नियमित रूप से 30 से 60 मीन का व्यायाम, योग, प्राणायाम करना आवश्यक है। योग मे आप सूर्यनमस्कार, सर्वांगासन, मत्स्यासन, अर्धमत्स्येंद्रासन, पश्चिमोत्तानासन, वज्रासन, सिंहासन, भुजंगासन, धनुरासन का अभ्यास कर सकते है। प्राणायाम मे आप अनुलोम विलोम का अभ्यास कर सकते है।साथ ही जंक फूड, पकेज्ड फूड टालना भी जरूरी है। मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए आप योगनिद्रा का अभ्यास कर सकते है।

चिकित्सा रूप मे न्यूरोथेरपी, पंचकर्म चिकित्सा और औषधि चिकित्सा द्वारा मासिक की एक साइकल मे ही रोग का नष्ट होना संभव है। अगर आप पीसीओडी से ग्रस्त नहीं है, तो आप सावधानी बरतिए। और इस व्याधि से ग्रस्त है तो जल्द से जल्द चिकित्सा करवाए, ये मेरा आपसे अनुरोध है।