Ayurvedic medicine ("Ayurveda" for short) is one of the world's oldest holistic ("whole-body") healing systems. It was developed more than 3,000 years ago in India.

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  Fri 03-May-2024
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Nasya therapy; a guard for infections

प्रतिमर्श नस्य :एक सुरक्षा कवच

 


वायरल फ़ीवर का नाम तो हम सबने सुना  जो कि कई तरह के वायरस से फैल सकता है। आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छीकने, थूकने आदि से हवा में वायरस या हानिकारक बैक्टीरिया भी फैल जाते हैं और आस -पास के वे लोग जो वहाँ मौजूद हवा को साँस के द्वारा अन्दर लेते हैं , उनकी नाक की अंदरूनी चिकनी परत पर हमला कर के कई बार ये कीटाणु ख़ून तक भी पहुँच जाते हैं। जिससे कँपकँपी के साथ बुखार, जुकाम और खाँसी जैसी परेशानियाँ पैदा हो जाती हैं।

   अब सवाल ये है कि क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे हम इन सभी से बच सकते हैं।

   जी हाँ , आयुर्वेद के ऋषियों ने इस बात को ध्यान में रखते हुए बहुत पहले ही एक सुरक्षा कवच का निर्माण किया था। जो कि न सिर्फ बेहद सस्ता है, बल्कि उसके और भी बहुत से फायदे हैं।
  उस सुरक्षा कवच का नाम है-
         " प्रतिमर्श नस्य"।

 

कैसे तैयार एवं प्रयोग करें नस्य ? How Nasya is prepared and used?


सरसों के तेल को आग पर थोड़ा सा पका लें और फिर ठंडा करके एक शीशी में रख लें।
अब सुबह के समय अपने हाथ की छोटी उंगली को नाखून की जड़ तक उस तेल में डुबो कर उसे किसी एक नथुने (nostril) में अंदर की ओर डालकर उंगली को गोल गोल  घुमा कर नाक में तेल लगा लें। फिर उस उंगली को दुबारा तेल में उसी तरह डुबाकर, दूसरे नथुने में वैसे ही तेल को लगा लें।
    अब 1 मिनट के लिये बिना तकिया (pillow)
लगाये  लेट जायें। 
   अब आप ये जान लीजिये कि आपने प्रतिमर्ष नस्य का कवच पहन लिया है। 
अब आप अपना रोजमर्रा के काम शुरू कर सकते हैं।
ये कवच  हवा में फैले खतरनाक वायरस और बैक्टीरिया के साथ-साथ  धुवाँ , धूल, और हवा में मौजूद नमी से नाक और गले में होने वाली एलर्जी से भी आपको बचाता है ।
जिनको सुबह उठते ही छीकें आना शुरू हो जाती हैं, ऐसे ज्यादातर लोग ; नियमित रूप से इस प्रयोग को करने से। कुछ सप्ताह में पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।
 अगर आप एक समझदार व जिम्मेदार माता -पिता होने के नाते अपने बच्चों में बचपन से प्रतिमर्श नस्य की आदत डाल देते हैं तो  यकीन मानिये कि जब आपके बच्चे बड़ी उम्र में पहुँचेगे तो उनके आस पास के लोग ये देख कर आश्चर्य करेंगे कि अभी तक आपके बच्चों के बाल काले हैं और उनकी आँखों पर चश्मा भी नहीं लगा ।
  चौड़े कन्धे और चौड़ा सीना आज हर कोई पाना चाहता है। यदि बचपन से ही प्रतिमर्श नस्य की आदत डाल ली जाये तो इसके लिये 
ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती ।
           यानी इस प्रतिमर्श नस्य के कुछ फायदे केवल तभी मिल सकते हैं, जब इसे बचपन से किया जाऐ। पर ये अच्छी बात है कि  इसके प्रयोग से इन्फेक्शन और एलर्जी से , हर उम्र के लोग अपना बचाव कर सकते हैं।
तो फिर आयुर्वेद के ऋषियों के बताये सुरक्षा कवच का इस्तेमाल करने में देर मत कीजिये और..... हो जाइये शुरू ........   

डॅा० सुशान्त मिश्र