अम्ल- पित्त (hyper acidity) में आहार - विहार
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इन दिनों हमारे खान पान और रहन-सहन में बहुत परिवर्तन आ चुका है जिस कारण से आज बहुत से लोगों को पेट में जलन, खट्टी डकार आना यहाँ तक कि सीने व गले में जलन होना आदि समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इसे सामान्य भाषा में अम्ल-पित्त या एसिड या तेजाब बनना कहते हैं।
यदि आपको भी अम्ल-पित्त ने परेशान किया हुआ है तो आयुर्वेद के अनुसार नीचे बताया हुआ आहार - विहार अपना कर आप अम्ल पित्त से राहत पा सकते हैं।
अम्ल पित्त में क्या खाना लाभदायक है -
मीठी चीजें, गाय का घी, दूध, तिक्त स्वाद वाली चीजें (जैसे - करेला)अनार, सेब, केला, नारियल पानी,सूखा नारियल, कच्चा नारियल, मिश्री,मूंग व मसूर की दाल, ठंडी चीजें, चावल, खीरा, ककड़ी, कद्दू, लौकीतरोई, पेठा, ग़ुलकंद और पका हुआ आम इत्यादि चीजें अम्ल पित्त से राहत प्रदान करती हैं।
क्या न खायें -
मिर्च (लाल व हरी), गरम मसाला, काली मिर्च, पिप्पली, खट्टीचीजें(नींबू,संतरा, मौसम्बी, किन्नू, चकोतरा, माल्टा, अचार, छाछ, दही इत्यादि ), उड़द, तली हुई चीजें (जैसे-पूरी, कचौरी, समोसा, पराँठा
पकौड़े इत्यादि), गोल गप्पे, चाट,
चाय, कॉफी, मदिरा, लहसुन,
चिउड़ा इत्यादि चीजें अम्ल पित्त को बढ़ाने वाली होती हैं।
क्या करें - -
अच्छी मात्रा में पानी पियें, सही समयपर और पाचनशक्ति के अनुसार भोजन करें, तेज धूप में छाते का प्रयोग करें। शीतली तथा सीत्कारी प्राणायामका अभ्यास करें। तनाव को दूर रखने के लिए अनुलोम-विलोम, भ्रामरी तथा उद्गीथ प्राणायाम करें। इनसे बढ़े हुए पित्त को शांत करने में मदद मिलती है।
क्या न करें--
क्रोध, खाली पेट रहना (सही समयपर भोजन नहीं करना), देर रात तक जागना, अत्यधिक व्यायाम करना। इन सभी से अम्ल पित्त की समस्या और बढ़ जाती है।
आयु--
32 से 45 वर्ष की आयु में अम्ल - पित्त रोग से ग्रसित होने की संभावना अधिक रहती है। यदि आपकी आयु भी 32 से 45 बर्ष के बीच है तो भले ही आपको अम्ल - पित्त रोग से पीड़ित नहीं भी हों तो भी ऊपर लिखे आहार विहार का पालन करेंगे तो आपको अम्ल पित्त से नहीं जूझना पड़ेगा।
ऋतु - -
सितम्बर तथा अक्टूबर के महीनों मेंऊपर बताए गए आहार विहार का विशेष ध्यान रखें।
ऊपर लिखा आहार-विहार अम्ल पित्त रोग से पीड़ित होने से बचाने में और उसके इलाज में भी आपकी सहायता करता है। परंतु फिर भी यदि आपको समस्या बनी रहती है तो अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें।
- - डॉ० सुशान्त मिश्र (www.ayurvedpath.in)
आयुर्वेद अपनायें, स्वस्थ रहें।
Vaidya Sushant Mishra
Medical Officer (Ay), Govt. of UttarakhandSrinagar Garhwal, Uttarakhand