ह्रदय संजीवनी ! कैसे रखें हृदय को स्वस्थ ?
Tips for a healthy heart and better circulatory system
आज की तारीख में हृदय रोग यह मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। क्यूँ ऐसा है? हृदय को इतना महत्व क्यूँ? ऐसा क्या कार्य करता है हृदय? हृदय सम्पूर्ण शरीर को रक्त द्वारा पोषण पोहचाने का काम करता है। पानी के पम्प की तरह हृदय काम करता है। 24*7 हृदय काम करता है। एक दिन मे हृदय छः हजार से सात हजार लीटर रक्त पम्प करता है। इस पंपिंग के लिये हृदय की भित्तियों मे से इलेक्ट्रिक इम्पल्सेस डेवलप होते है, और रक्तभिसरण सुचारु रूप से होता है। जिससे हृदय की गति का नियमन किया जाता है। सामान्यतः हृदय की गति 60 – 80 पल्स/ मिनिट होती है। जब भी यह हृदय की गति मे बदलाव आए तो समझना चाहिए की हृदय के कार्य मे या रचना मे विकृति हो गयी है।
क्या क्या विकृति हो सकती है? तो सबसे ज्यादा लोगों को परेशान करनेवाली बीमारी है हार्ट ब्लोकेजेस! हृदय को रक्त द्वारा पोषण करनेवाली धमनियों मे पार्शियल या सम्पूर्ण रूप से अवरोध होता है। जिसके कारण हृदय को पोषण की कमी होती है, और हृदय को अपना कार्य करने मे दिक्कत आती है। यही कारण है की हृदय रोगियों को हाँफ चढ़ना, सांस लेने मे तकलीफ होना, थकान महसूस होना, छाती मे दर्द होना आदि लक्षण दिखाई देते है।
अब इसमे आयुर्वेद आपकी कैसे मदद कर सकता है? आयुर्वेद औषधि और पंचकर्म उपचार द्वारा शरीर की प्रत्येक कोशिका की शुद्धि होती है। जिसके कारण नयी कोशिकाएँ पेहले से ज्यादा अच्छी बनती है। साथ ही शरीर की प्राकृतिक उपचार को बढ़ावा देती है। जिसके कारण हृदय की धमनियों मे जहा अवरोध हो, उसके आसपास से नयी छोटी छोटी रक्तवाहिनियाँ (Collaterals) बनती है, जिसके द्वारा हृदय को रक्त की पूर्ति होती है। ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं पड़ती। साथ ही हृदय को नव संजीवनी मिलती है।
Dr Snehal Kadam
Consultant Ayurveda PhysicianASIM HOPSITAL AND RESEARCH CENTRE Surat, Gujrat