Ayurvedic medicine ("Ayurveda" for short) is one of the world's oldest holistic ("whole-body") healing systems. It was developed more than 3,000 years ago in India.

Get in Touch

Address

568, Hapur Road, J- Block, Harsaon, Govindpuram, Ghaziabad, Uttar Pradesh 201013
  Fri 03-May-2024
health after 50

50 की उम्र के बाद कैसे रहें  स्वस्थ? How to stay healthy after 50?

प्रायः 50-55 वर्ष अथवा इससे अधिक उम्र के लोग जब मेरे पास परामर्श के लिए आते हैं,तो वे अपनी दिनचर्या,आहार आदि के बारे मे मुझे बताने को उत्सुक रहते हैं,मै सुनता भी हूं,फिर उनकी शंका होती है कि यद्यपि वे इतना संयमित जीवन शैली जी रहे होते हैं फिर भी उन्हे कई बीमारियां घेरे हुए हैं,ऐसा क्यों??
मेरा स्वयं का जो अनुभव रहा है उसके अनुसार उपरोक्त शंका का संभावित स्पष्टीकरण --
50+की अवस्था मे होने वाली प्रमुख समस्याएं वात/वायु की विकृति से होती हैं यथा-prostate hyperplasia, degenerative joint disease, cardiovascular diseaese,dementia,dyspepsia,insomnia. आदि।
स्वाभाविक रुप से वृद्धावस्था मे वायु स्वतः कुपित/या विकृत होने लगता है।

50+होते ही व्यक्ति के भीतर स्वास्थ्य जागरूकता का अवतरण होता है और वो सबसे पहले घी,तेल छोड़ता है।(रुक्ष/रूखा सूखा,आहार वायु को विकृत करता है)

#सुबह सुवह पार्क मे या morning walk करते और exercise करते हुए अधिकतर 50+वाले ही मिलेंगे,इसमे कोई बुराई नही है पर यदि आपके शरीर मे वायु पहले से ही विकृत है तो सुबह की ठंडी हवा,और व्यायाम वायु को अधिक विकृत/कुपित करेगा।

#स्वस्थ रहने के लिए कोई नीम चबाने लगता है,कोई करेले का जूस पीने लगता है और अधिकतर लोग multigrain आटा पर switch करते हैं,sprouts,कच्ची सलाद,मात्रा मे कम भोजन,रात मे meals skip करना ये भी वात को विकृत करते हैं।

बहुत अधिक मानसिक दबाव या तनाव भी वात को विकृत करता है।

आयुर्वेद भी एक विज्ञान है ,इसे भी पढ़ना और समझना पड़ता है उसके पश्चात ही इसका समुचित लाभ उठाया जा सकता है,आपकी प्रकृति क्या है,आप के रोग में किस दोष की विकृति है,geographic/climatic स्थिति क्या है इत्यादि के विश्लेष्ण के बगैर आयुर्वेद आपको अपेक्षित लाभ नही देगा।

सामान्यतयः बढ़ती उम्र मे वायु स्वाभाविक रुप से शरीर मे कुपित होती है,घी तेल का सामान्य सेवन करते रहें।
शरीर का स्नेहन स्वेदन कराते रहें,और बिना परामर्श किसी भी औषधि का निरंतर सेवन न करें।