सामान्य समस्या नहीं हैं कब्ज कैसे समाधान करें।
वर्तमान समय में जहां उत्तम स्वास्थय सेवायें उपलब्ध हैं वही जनसमूह ने अपनी दूषित जीवन शैली से नये-२ रोगों को उत्पन कर अपनी शारीरिक कार्यक्षमता औंर मानसिक दक्षता को विशेष हानि पहुंचायी हैं । ऐसा ही एक लक्षण या यू कहें एक पूर्ण रोग, जीर्ण विबन्ध हैं जिसे हम सामान्य भाषा में कब्ज के नाम से जानते हैं,एक बडे जनसमूह की अस्वस्था का कारण बना हुआ हैं औंर हमारी शारीरिक ही नहीं अपितु मानसिक क्षमता को भी हानि पहुंचाता हैं।
Causes of Constipation कब्ज कारण -
१. असमय,देर से या कम समय के लिये सोना ।
२. भोजन का असमय,दूषित,बासी,ठंडा,तैलीय,पचने में भारी,रेशेरहित,अधिक मसालेदार भोजन का सेवन करना ।
३- बहुत जल्दी या चबा कर भोजन ना करना ।
४- अग्नि(digestive capacity) का मन्द होना ।
५- फास्ट-फूड जैसें मोमोज,नूड्ल्स,स्प्रिंग रोल,मैनच्यूरीयम,समौसा,पकौडी,चाट,टिक्की,आदि का निरन्तर सेवन करना ।
६- शारीरिक श्रम औंर व्यायाम न करना ।
७- उचित समय पर,जल या तरल द्रवों का प्रचुर मात्रा में सेवन न करना आदि ।
Prevention & Treatment of Constipation : कब्ज की रोकथाम और उपचार -
१- समय पर सोना-उठना औंर कम से कम ६ घण्टे की शान्त नींद लेनी चहिए ।
२- प्रातःकाल खाली पेट १-२ गिलास गुनगुने नींबू युक्त पानी का सेवन करना चाहिए ।
३- शौच बाद अपनी सामर्थ्य अनुसार टहलना,दौडना,या व्यायाम करना चाहिए ।
४- नाश्ते में दलिया,फल,दूध,अकुंरित चने आदि का सेवन करना चाहिए ।
५- नाश्ते के कम से कम ६ घण्टे बाद गरम,सुपाच्य,रेशेदार भोजन को,अच्छी तरह चबाकर भोजन करना चाहिए ।
६- भोजन में खीरा,ककडी,चुकुन्दर,प्याज,नींबू,गाजर,शलजम,मूली,अदरक,सेंधा नमक युक्त सलाद का प्रचुर मात्रा में सेवन करना चाहिए ।
७- भोजन में हरी पत्तेदार सब्जी, गाजर,तोरई,टिन्डे,बीन्स,सेम,हरी प्याज,घी,दही,आदि आहार का सेवन अधिक करना चाहिए ।
८- चोकरयुक्त रोटी का सेवन करना चाहिए ।
९- भूख से कम खाना चाहिए ।
१०- भोजन के कम से कम १ घण्टे पूर्व और उपरान्त अधिक मात्रा में पानी नही पीना चाहिए ।
११- भोजन उपरान्त १५-३०मिनट तक बाई करवट लेटे (सोये नहीं) औंर तदोपरान्त टहले या शारीरिक श्रम करना चाहिए ।
१२- प्रतिदिन फल जैसें सेब,नाशपाती,अंगूर,सन्तरा,अंजीर,खजूर,आम,अमरूद,चुकुन्दर,अनार आदि का सेवन करना चाहिए ।
What to be avoid in Constipation (कब्ज में क्या परहेज करें)तयाज्य\अपथ्य -
कब्ज से ग्रसीत रोगीयों को चाय,तम्बाकू,काफी,शराब,रात्रि में दही, आलू,मैदे से निर्मित फास्ट-फूड,तैलीय,औंर अधिक मसालेदार आहार नहीं लेने चाहिए ।
उपरोक्त आहार-विहार का पालन करने से आप इस गम्भीर रोग से बहुत हद तक छुटकारा पा सकते हैं औंर अन्य रोगों के होने से भी बच सकते हैं ।
नोट - उपरोक्त लेख केवल स्वास्थ्य जागरुकता के उद्देश्य से लिखा गया हैं । अतः समुचित समाधान हेतु प्रशिक्षित आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लें ।
Dr. Saket Kumar Garg
Consultant Ayurveda PhysicianSanjivani Ayurveda, Saharanpur (u.p.)