How to prevent and cure colitis by Ayurveda
विकृत आहार-विहार युक्त जीवन शैली की उपज हैं – संग्रहणी
आधुनिक जीवन शैली ने जहां हमें अनेक सुख-सुविधायें दी हैं वही इन्हें अर्जित करने की लालसा में हमनें अपनी जीवन शैली को दूषित कर दिया हैं । जैसें समय पर सन्तुलित आहार का अभाव,राजस और ताम्सिक अहार जैसें fast food,मोमोज,चाऊमीन,अधिक alcohal,cold drink,tea,choclate,packed,बासी आहार द्रव्यो के सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता/immunity में नकारात्मक आयाम, परिवर्तन स्वरूप आया हैं,जिसके फलस्वरूप अनेक साधारण सी दर्शित किन्तु कष्ट्साध्य अनेक व्याधियां उत्पन्न होती हैं ।
ऐसा ही एक रोग है “संग्रहणी” ,जिससे आधुनिक ’colitis’ के समान अनेक लक्षण मिलते हैं। साधारणतः colitis के अनेक अन्य कारण भी हो सकते हैं किन्तु सभी कारणो में बडी आंत की inner most mucosal lining में infection, inflammation और ulceration आदि changes देखने को मिलते हैं जिसके कारण large intestine की anatomy and physiology में pathological changes आते हैं और ’पुरी्षवह स्रोतस’ मूल से water-electrolyte के re-absorbtion के कार्य में बाधा आती हैं।
प्रायः यह भी देखा गया है कि अधिक antibiotics, steroids के सेवन या अप्रशिक्षित चिकित्सक से चिकित्सा लेना भी,colitis के बडे कारण रहे हैं। अतः उपरोक्त विवरण से स्पष्ट हैं कि colitis की चिकित्सा में तुलनात्मक रूप से ’आयुर्वेद चिकित्सा’, अन्य सभी चिकित्सा विशेषतः modern allopath therapy से बेहतर परिणाम देने वालि होती चिकित्सा हैं
Symptoms of colitis कोलाइटिस के लक्षण
१. नाभि के चारों ओर ऐंठन युक्त दर्द (abdomen cramps and pain)
२. अतिसार युक्त मल (frequent watery stool}
३. मल का रक्त और म्यूकस युक्त होना (stool mixed with blood and mucus}
४. सिरदर्द और चक्कर आना (lightness of head and giddiness)
५. पैरों में विशेषतः पिडलियों में दर्द (pain in lower legs specially in calf muscle)
६. शरीर में दर्द और कमजोरी (bodyache and general weakness)
७. वजन का कम होना (gradual decrease in body weight)
८. शरीर में बार-२ बु्खार होना (repeated fever)
९. जोडो में दर्द (joints pain)
Prevention of colitis कोलाइटिस के बचाव के उपाय
१.कारणों का विग्रह
२. spicy, oily. alcohal, tea, coffee, fast food आदि अहार द्रव्यो का सेवन ना करें |
३. stress न लें |
४. पूरी नींद और light exercise और morning walk करें |
५. समय पर balanced diet का सेवन करें |
६. फ़ल आदि का सेवन सतत करें |
७. ’मठ्ठा\butter milk’ और ’घी में भूना जीर’, colitis में विशेषतः लाभकारी हो्ता हैं
Comparative to other systems of medicines colitis has better cure rates in Ayurveda
आयुर्वेद में तुलनात्मक सुसाध्य है कोलाइटिस/संग्रहणी
यदि हम विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का तुलनात्मक अध्ययन करें तो यह निष्कर्ष निकलता है कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में कोलाइटिस का बेहतर इलाज संभव है, बशर्ते आप सही समय पर क्वालिफाइड आयुर्वेद चिकित्सक से मिलकर परामर्श लें.
Note- उपरोक्त लेख स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया हैं जिसमें त्रु्टि की सम्भावनाएं हो सकती हैं अ्तः चिकित्सिय परामर्श उपरान्त ही चिकित्सा लें |
Dr. Saket Kumar Garg
Consultant Ayurveda PhysicianSanjivani Ayurveda, Saharanpur (u.p.)