अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करें और क्या हैं इसके स्वास्थ्य लाभ
Anuloma Viloma Pranayama; How it is done? What are its' health benefits?
अनुलोम-विलोम नाड़ी शोधन प्राणायाम है। नाड़ी जिसे अंग्रेजी में पल्स कहा जाता है और शोधन यानी सफाई। नाड़ियों को साफ करने के लिए इस प्राणायाम को प्राचीन समय से किया जा रहा है। कहा जाता है कि भारतीय ऋषि स्वयं को निरोग रखने के लिए इस प्रकार की योग क्रियाओं का अभ्यास किया करते थे।
अनुलोम विलोम के अभ्यास का तरीका Anuloma viloma the right way
- सबसे पहले जमीन पर पदमासन की मुद्रा में बैठ जाएं। दाहिने पैर के पंजे को बाएं पैर की जांघ पर और बाएं पैर के पंजे को दाएं पैर की जांघ पर रखें और आंखें बंद कर लें।
- इसके बाद अपने दाहिने नाक(nostril) को दाहिने हाथ के अंगूठे से बंद करें औऱ बाएं नाक से धीरे-धीरे लेकिन जितना संभव हो सके उतना गहरा सांस लें। इस दौरान आपका फेफड़ा हवा से भर जाना चाहिए।
- अब दाहिने नाक पर रखे दाएं अंगूठे को हटा लें और सांस छोड़ें। सांस छोड़ते समय आपकी मध्य उंगली बाएं नाक के समीप होना चाहिए।
- अब दाएं नाक से सांस लें और सांस छोड़ते समय दाएं अंगूठे को नाक के पास से हटा लें।
इस क्रिया को 5 मिनट तक दोहराएं।
अनुलोम विलोम करते समय आत्मकेंद्रित (concentrated ) रहें और पूरा ध्यान सांसों पर लगाएं अनुलोम।
अनुलोम विलोम करने का सही समय The right time for anuloma viloma
यह प्राणायाम आमतौर पर सुबह के समय ताजी हवा एवं वातारवरण में बैठकर किया जाता है। शाम की अपेक्षा सुबह के समय अनुलोम विलोम का अभ्यास करना अधिक फायदेमंद होता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे – Anulom Vilom Pranayama Benefits in Hindi
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अनुलोम विलोम प्राणायाम नाड़ी को साफ करने का काम करता है, जिससे शरीर को कई रूपों में फायदा होता है। अब यहां हम विस्तार से बता रहे हैं कि अनुलोम विलोम करने से कौन-कौन सी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
मधुमेह Prevents and cures diabetes
मधुमेह के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम के फायदे देखे गए हैं। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को राइट नॉस्ट्रिल ब्रीथिंग एक्सरसाइज (Right nostril breathing) यानी सूर्य भेदन प्राणायाम से फायदा हो सकता है। यह भी प्राणायाम का हिस्सा है। इससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है। इसलिए, यह मधुमेह के विरुद्ध एक कारगर यौगीक अभ्यास है। टाइप 2 डायबिटीज के मरीज पांच से दस मिनट रोजाना अनुलोम-विलोम का अभ्यास भी कर सकते हैं .
हृदय रोगों से बचने के लिए भी अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे हैं। प्राणायाम या ब्रीथिंग एक्सरसाइज सांस को नियंत्रित करने के साथ-साथ ह्रदय की गति और उसमें आए परिवर्तन को नियंत्रित करने का काम करता है। ह्रदय के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह ह्रदय की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है ।
गठिया Anuloma viloma prevents arthritis and joint pain
अनुलोम विलोम प्राणायाम हड्डी से जुड़े गठिया जैसे रोग में भी कारगर है। गठिया होने पर जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अर्थराइटिस होने के पीछे हृदय रोग भी है। यहां अनुलोम-विलोम आपकी मदद कर सकता है। यह एक कारगर प्राणायाम है, जो हृदय की गति को नियंत्रित करने के साथ-साथ हृदय की क्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है। ध्यान रहे कि हृदय रोग के अलावा मधुमेह और मोटापे के कारण भी अर्थराइटिस हो सकता है। इस लिहाज से भी अनुलोम विलोम योगा आपकी मदद कर सकता है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम मधुमेह से राहत दे सकता है और शरीर में चर्बी की मात्रा को नियंत्रित कर सकता है
माइग्रेन Anuloma viloma helps in curing of migraine
माइग्रेन के लिए भी अनुलोम विलोम के लाभ देखे जा सकते हैं। यह एक प्रकार का सिरदर्द है, जो दिनभर आपको परेशान कर सकता है। माइग्रेन से पीड़ित लोगों के पूरे सिर या आधे सिर में असहनीय दर्द होता है। माइग्रेन अवसाद और चिंता की वजह हो सकता है। यहां आपकी मदद अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ब्रीथिंग एक्सरसाइज अवसाद और चिंता को दूर करने का काम कर सकती है, जिससे माइग्रेन पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
एकाग्रता Anuloma viloma improves concentration
अनुलोम विलोम योगा का एक काम एकाग्रता बढ़ाना भी है। खासकर, विद्यार्थी अपने कंसंट्रेशन पावर को मजबूत करने के लिए इस खास ब्रीथिंग एक्सरसाइज का अभ्यास कर सकते हैं। अनुलोम-विलोम प्राणायाम नर्वस सिस्टम को नियंत्रित के साथ-साथ मस्तिष्क की न्यूरोनल गतिविधियां में भी सुधार कर सकता है, जिससे एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
वजन होता है कम Anulom Vilom Pranayama for Weight Loss
वजन को नियंत्रित करने के लिए भी अनुलोम विलोम योगा किया जा सकता है। यह ब्रीथिंग एक्सरसाइज शरीर में चर्बी या फैट की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करती है, जिससे आसानी से बढ़ते वजन पर काबू पाया जा सकता है।
कब्ज Prevents constipation
कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं के लिए भी अनुलोम विलोम के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि आप जानते हैं अनुलोम-विलोम नाड़ी-शोधन प्रक्रिया है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नाड़ी शोधन कब्ज से निजात देने का काम कर सकता है। इस प्राणायाम का लाभ आप तभी ले सकते हैं, जब आप इसे सही से करें, इसलिए किसी अनुभवी योग प्रशिक्षक का मार्गदर्शन जरूर लें ।
करता है डिटॉक्स Anuloma viloma pranayama leads to detoxification
अनुलोम विलोम के फायदे में शरीर को डिटॉक्स करना भी शामिल है। कई बार खान-पान में बरती गई लापरवाही शरीर में विषाक्ता का कारण बन जाती है। शरीर को विषाक्ता से दूर या डिटॉक्स रखने के लिए आप अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। महर्षि पतंजलि के अनुसार प्राणायाम न सिर्फ शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी अपनी भूमिका निभाता है ।
रखता है शांत Keeps you relaxed
खुद को शांत रखने के लिए मन-मस्तिष्क का शांत रहना बहुत जरूरी है। प्राणायाम ऐसी योग प्रक्रिया है, जो शारीरिक और मानसिक रूप से आपको शांत करने का काम करेगी। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, ब्रीथिंग एक्सरसाइज का नियमित अभ्यास आपको चिंता और अवसाद से दूर रखने का काम करता है। साथ ही मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी बढ़ाने का काम करता है। तनाव मुक्त रहने के लिए भी आप रोजाना अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर सकते हैं।
रक्त संचार Anulom Vilom Pranayama improves Blood circulation
शरीर में रक्त संचार को नियंत्रित करने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे देखे जा सकते हैं। अनुलोम-विलोम का नियमित अभ्यास सिस्टोलिक रक्तचाप (SBP) और डायस्टोलिक रक्तचाप (DBP) को कम कर सकता है।
त्वचा की चमक Restores skin glow
त्वचा के लिए भी अनुलोम विलोम के फायदेमंद हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया है अनुलोम विलोम योगा एक नाड़ी शोधन क्रिया है, जो शरीर को पूरी तरह से डिटॉक्स करने का काम करती है, जिससे त्वचा को भी लाभ मिल सकता है। त्वचा की चमक बढ़ाने के लिए प्राणायाम किस प्रकार काम करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
अनुलोम विलोम के फायदे जानने के बाद चलिए अब जान लेते हैं इससे जुड़े कुछ और टिप्स।
अनुलोम-विलोम करते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
- शाम की तुलना में सुबह आठ बजे से पहले अनुलोम विलोम के फायदे ज्यादा हैं।
- अगर आप पहली बार अनुलोम-विलोम कर रहे है, तो किसी योग प्रशिक्षक की देखरेख में यह अभ्यास करें।
- अनुलोम-विलोम का अधिक लाभ पाने के लिए खान-पान पर ध्यान रखें।
- यह जरूर सुनश्चित कर लें कि अनुलोम-विलोम करने के स्टेप सही हों।
- गंभीर ह्रदय रोगी, रक्तचाप के रोगी और प्रेग्नेंट महिलाएं डॉक्टरी परामर्श पर ही इस अभ्यास के लिए आगे बढ़ें।
उम्मीद है कि अनुलोम-विलोम को लेकर आपके अंदर सभी संदेह दूर हो गए होंगे। अनुलोम विलोम प्राणायाम के लाभ पाने के लिए आप लेख में बताए गए तरीकों का पालन करें। अनुलोम-विलोम से जुड़े सुझावों और सवालों के लिए आप नीचे दिए कमेंट बॉक्ट के जरिए हम से संपर्क कर सकते हैं।
Dr. Monica Shrestha
Consultant General SurgeonJalandhar, Punjab, India