करेंगे इस योगासन का अभ्यास तो रहेंगे तनाव मुक्त
शवासन Shavasana
इस आसन को शवासन इसलिए भी कहते हैं क्योंकि इसमें शरीर मृत शरीर या मुर्दे के समान लगता है। शवासन एक अत्यंत महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। इसका शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक महत्व बहुत ही ज़्यदा है। प्राय: योगाभ्यास के बीच में या अन्त में शवासन किया जाता है ताकि शरीर शांत एवं स्थिर रहे।
शवासन कैसे करें? How to do shavasana?
इस आसन को करना सबसे ज़्यदा आसान है। इस आसन को कोई भी कर सकता है। यहां पर इस आसन के सरल तरीके के बारे में बताया जा रहा है।
- पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को आराम से शरीर से एक फुट की दूरी पर रखें।
- पैरों के बीच एक या दो फुट की दूरी रखें।
- दोनों हाथ जमीन पर शरीर से 10 इंच दूर रखें।
- अंगुलियां तथा हथेली ऊपर की दिशा में रखें।
- सिर को अपने हिसाब से रखें।
- आंखें धीरे से बंद करें।
- धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े।
शवासन में कोशिश किया जाता है की आपके शरीर का प्रत्येक अंग से तनाव मुक्त रहे और शरीर के अंगों को ज़्यदा से ज़्यदा आराम मिल सके।
शवासन के लाभ Benefits of Shavasana
अगर देखा जाए तो शवासन के लाभ ही लाभ है। लेकिन यहां पर इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया जा रहा है।
- ध्यान के लिए उम्दा आसन: ध्यान के लिए यह सबसे अच्छा योगाभ्यास है। शवासन आपको ध्यान की गहराई में लेकर जाता है ताकि आप ध्यान से होने वाले लाभ को महसूस कर सके और इसका फायदा उठा सके।
- तनाव घटाने में : यह आसन तनाव घटाने में बड़ी भूमिका निभाता है।
- थकावट दूर करने में: यह शारीरिक तथा मानसिक थकावट दूर करने में लाभकारी है।
- मांसपेशियों के आराम में : यह शरीर की सभी पेशियों एवं तंत्रिकाओं को विश्राम देता हैा और आपको तनाव मुक्त करने में अहम भूमिका निभाता है।
- मनोवैज्ञानिक विकार दूर करने में: यह मनोवैज्ञानिक विकार दूर करने में अत्यंत लाभकारी आसन है।
- उच्च रक्तचाप कम करने में : उच्च रक्तचाप को कम करने में लाभकारी है।
- हृदय रोग में लाभदायक: ह्रदय रोगी के लिए बहुत ही फायदेमंद योगाभ्यास है।
- बेचैनी दूर करने में : बेचैनी दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।
- चिंता कम करने में: यह चिंता को कम करते हुए आपको शांत एवं शरीर को विश्राम दिलाता है।
क्या सावधानी रखें? Precautions during Shavasana
वैसे शवासन की कोई विशेष सावधानी नहीं है। पूरी तरह रिलैक्स होना बहुत जरुरी है इसके अभ्यास के दौरान व ज़्यादा देर तक इसको मेन्टेन करना भी ठीक नहीं है। अपने योग टीचर के सहायता से इसके समय को आप कम व ज़्यादा कर सकते हैं
Dr. Kuldeep Chauhan
BAMS, MD (Ayurveda)Consultant Ayurveda Physician, Rampur, UP